गोगाबील झील कटिहार जिले के मनिहारी प्रखंड से 8 क़ि० मी० दूर स्तिथ है। इस पक्षी विहार में धनुषाकार झील (ox-bow lake) है, जिसका नाम गोगाबील है उसी के नाम पर इस पक्षी विहार का नामांकरण हुआ। 1990 ई० में यहाँ आने वाले पक्षियों की बड़ी संख्या को देखकर इसे पक्षी विहार घोषित किया गया।
झील |
इसका क्षेत्रफल 217.99 एकड़ है। इस झील के चौहद्दी इस प्रकार हैं। पूरब में बनगंवा, पश्छिम में मरुआ(भेड़ीयाही), उत्तर में नीमा, एवं दक्षिण में सुरापारटाल है। इस झील क़ि सबसे बड़ी बात यह है की यहाँ रूस तथा अन्य देशो से लगभग 300 प्रकार के पक्षी यहाँ पहुचते है। लाल रीवाले ग्रीव, पोटचार्ड, स्पाटवील, टील, कूट और ब्रहुमानी हंस प्रमुख हैं।
बगुला के प्रजातियाँ |
यहाँ की देखरेख करने के लिए C.G GUARD मो० सीताउद्दीन को नियुक्त किया गया है। वे सुरापार टाल के निवासी हैं। 1995 से इनको जन-लक्ष्य संस्था विनोदपुर (कटिहार) के द्वारा कार्य पर लगाया गया है। 750 रु प्रतिमाह आने जाने का किराया तथा इनको और इनके परिवार वालों को मेडीकल की सुविधा उपलब्ध है। जब हमारे टीम ने इनसे बात की तो इन्होने बताया की इनको झील के पास निगरानी रखने के लिए एक आवास तथा नाव की जरूरत है। इनका कहना है की घर से आने जाने में बहुत दिक्कत होती है। इनके यहाँ न होने पर लोग मछलिया भी मारने लगते हैं जिससे यहाँ आने वाले पक्षी हरककर भाग जाते हैं। जिससे पक्षियों की संख्या में कमी हो जाती है।
टिंकू कुमार चौधरी
सहयोगी
रुपेश, प्रदीप, उत्तम
फोटो संग्रहकर्ता - श्रवन, मृगेंद्र कुमार
बनभोज करते लोग |
हरेक महिना यहाँ एक बार भागलपुर से पानी जांचकर्ता आतें हैं। अपनी जांच प्रक्रिया के दौरान वे पुरे झील का सर्वेक्क्षण करते हैं और सर्वेक्षण करने के पश्चात वे पुनः चले जातें हैं। मो० सीताउद्दीन जी से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया की जनवरी, फ़रवरी, मार्च , अप्रेल में पक्षियों की कलरव मन को अति प्रशन्न कर देता है।पक्षियों की इतनी अनेक प्रकार और संख्या शायद ही कहीं देखने को मिलता हो। वे पक्षियों के पूरा नाम ही हमें बता दिए जिनमे से हम कुछ नाम यहाँ लिख रहे हैं। लालसार , पेंटल, पचार, डोकहर, बड़ा सिलिक, छोटा सिलिक, सीरियल चाह, बटहर , टिटही, पंतवा, बगुला, मंचरंगा और भी बहुत है जो हमें सीताउद्दीन जी ने लिखाये हैं।
अंततः हम यह कहना चाहेंगे की आप यहाँ नवम्बर से लेकर मार्च के बीच जरूर आयें और इस झील का तथा इस पक्षी विहार का आनंद उठा सकें। हम बिहार सरकार से भी इस झील को और बेहतर बनाने क़ि अपील करते हैं। मनिहारी वासियों के ओर से भी इसे बेहतर बनाने तथा इसे विकशित करने क़ि गुजारिस करतें हैं।
अधिक जानकारी के लिए कृपया Gogabil Jhil की वेबपेज पर जाए।
टिंकू कुमार चौधरी
सहयोगी
रुपेश, प्रदीप, उत्तम
फोटो संग्रहकर्ता - श्रवन, मृगेंद्र कुमार